Find happiness right here right now…
क्यूं नये लग रहे हैं ये धरती गगन
मैंने पूछा तो बोली ये पगली पवन
प्यार हुआ चुपके से….
प्यार तो हुआ पर इस प्यार की मंजिल किसी और को पाना नहीं था बल्कि खुद को ही पाना था। कहा जाएं तो अब तक जो कुछ किया था उसका उद्देश्य खुद को खुश करना नहीं था बल्कि दूसरों की नजर में खुद को साबित करना था लेकिन 1 दिन आया जब नजरें बाहर से भीतर की तरफ मुड़ गई और दूसरों को खुश करना जिंदगी का लक्ष्य नहीं रहा।
खुद से प्यार होते ही जिंदगी के कुछ तौर-तरीके बदल गए। क्योंकि अब मेरी मंज़िल बदल चुकी थी इसलिए मेरा रास्ता भी बदल गया। ऐसा नहीं है कि इस रास्ते पर सिर्फ फूल ही फूल थे, लेकिन चूंकि यह मेरा बनाया हुआ रास्ता था इसलिए इस रास्ते पर आने वाले कांटे भी फूलों से कम नहीं लगते थे।
बेशक, अगर आप खुद से प्यार करते हैं तो अपने बनाए हुए रास्ते पर ही चलेंगे। फिर भी कुछ बिन्दुओं को अगर ध्यान में रखेंगे तो इस रास्ते पर बेफिक्र होकर चल सकेंगे।
मैं एक बात का हमेशा ध्यान रखता हूं कि कभी भी खुश होने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं होता और खास तौर पर अगर मैं कभी दुखी हूं तो अपना दुख दूर करने के लिए दूसरों के पास कभी नहीं जाता। मुझे लगता है, दूसरों के पास मुझे तभी जाना चाहिए जब मेरा ह्रदय सामान्य हो और खुशियों से भरपूर हो।
वैसे आमतौर पर लोग कहा करते हैं कि दुख बांटने से हल्का होता है और खुशियां बांटने से बढ़ती हैं। मगर यदि आप सेल्फ लव के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि अपने दुखों का सामना अकेले करना सीखें और उसका समाधान भी बाहर नहीं अपने अंदर ही खोजें।
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सेल्फ लव की यात्रा पर आपका हार्दिक स्वागत है…
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